Actual classroom demonstration: चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा को छूते हुए, संतिनिकेतन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉ. शुभ्रमॉय चौधुरी, जो मानव शारीरिक रचनाविज्ञान (एनेटॉमी) के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं, ने ‘एनेटॉमी’ पर एक अत्याधुनिक वास्तविक कक्षा प्रदर्शन और व्याख्यान का आयोजन किया। इस सत्र में उन्होंने एनेटॉमी के जटिल पहलुओं को सरल और व्यावहारिक तरीके से छात्रों के सामने प्रस्तुत किया। यह विशेष सत्र छात्रों के लिए एक अनमोल अवसर साबित हुआ, क्योंकि उन्होंने किताबों से बाहर वास्तविक दुनिया में शारीरिक रचनाओं को समझने का मौका पाया।
वास्तविक कक्षा प्रदर्शन का उद्देश्य
एनेटॉमी, जो कि शरीर के अंगों, संरचनाओं और उनके कार्यों का अध्ययन करती है, चिकित्सा शिक्षा का एक अभिन्न हिस्सा है। जबकि एनेटॉमी के सिद्धांत छात्रों को पाठ्यपुस्तकों और कक्षाओं के माध्यम से सिखाए जाते हैं, डॉ. चौधुरी का उद्देश्य छात्रों को एक वास्तविक कक्षा वातावरण में शारीरिक संरचनाओं को समझने और पहचानने का अवसर देना था। इस सत्र का मुख्य उद्देश्य छात्रों को न केवल शारीरिक रचनाओं के सिद्धांत से परिचित कराना था, बल्कि उन्हें वास्तविक शरीर संरचनाओं के अध्ययन और विश्लेषण का व्यावहारिक अनुभव देना भी था।
सत्र की शुरुआत और शारीरिक संरचनाओं का व्यावहारिक अध्ययन
शांतिनिकेतन मेडिकल कॉलेज के अत्याधुनिक एनाटॉमी ऑडिटोरियम में आयोजित इस सत्र की शुरुआत डॉ. शुभ्रमॉय चौधुरी ने शारीरिक रचनाओं के महत्व और उनके चिकित्सीय दृष्टिकोण से समझने के बारे में बात करके की। उन्होंने बताया कि “एनेटॉमी केवल शरीर के अंगों को जानने का नाम नहीं है, बल्कि यह शरीर की हर एक संरचना, उसके कार्य और आपस में रिश्तों को समझने की प्रक्रिया है। यदि हम इन संरचनाओं को ठीक से समझते हैं, तो हम बेहतर चिकित्सक बन सकते हैं।”
डॉ. चौधुरी ने शारीरिक संरचनाओं का विश्लेषण करते हुए विद्यार्थियों को दिखाया कि कैसे हर अंग का एक विशेष कार्य होता है और वह दूसरे अंगों से कैसे जुड़ा होता है। इस दौरान उन्होंने शारीरिक अंगों के मॉक-प्रसारण (वास्तविक शरीर के अंगों के मॉडल और कलाओं का प्रयोग) का प्रदर्शन किया। छात्रों को यह समझने में मदद मिली कि शरीर की जटिल संरचनाओं को समझना कितना महत्वपूर्ण है, खासकर जब चिकित्सीय उपचार की बात आती है।
प्रेरक उदाहरण और केस स्टडी
डॉ. चौधुरी ने अपने व्याख्यान में कुछ वास्तविक केस स्टडी का उदाहरण दिया, जिसमें शरीर की संरचनाओं से संबंधित समस्याओं का समाधान कैसे किया जाता है, यह दर्शाया। उन्होंने बताया कि कई जटिल मामलों में शारीरिक रचनाओं का सही आकलन करना किसी भी चिकित्सा उपचार की सफलता के लिए आवश्यक होता है। उदाहरण के तौर पर, एक हृदय के सर्जिकल ऑपरेशन के दौरान एनेटॉमी का गहरा ज्ञान कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसे उन्होंने विस्तृत रूप से समझाया।
इस दौरान, छात्रों को हड्डियों, मांसपेशियों, रक्त वाहिकाओं, तंत्रिका तंत्र और आंतरिक अंगों की संरचना और उनके कार्यों के बारे में व्यावहारिक जानकारी दी गई। डॉ. चौधुरी ने शरीर के विभिन्न अंगों के मॉडल और चित्रों का उपयोग करते हुए विद्यार्थियों को यह बताया कि कैसे वे इन संरचनाओं को समझकर चिकित्सा प्रक्रियाओं को बेहतर बना सकते हैं।
शारीरिक रचनाओं के जीवित मॉडल का प्रदर्शन
सत्र में एक अनूठा तत्व था जब डॉ. चौधुरी ने जीवित शरीर पर शारीरिक रचनाओं के बारे में वास्तविक उदाहरण प्रस्तुत किए। उन्होंने छात्रों को दिखाया कि कैसे शरीर के विभिन्न अंग एक दूसरे के साथ कार्य करते हैं। छात्रों ने इंट्रादर्मल (त्वचा के अंदर के स्तर पर) संरचनाओं का सीधे निरीक्षण किया। इस लाइव प्रदर्शन में शारीरिक अंगों की कार्यप्रणाली को समझने के लिए छात्रों को एक नई दृष्टि प्राप्त हुई।
इसके अतिरिक्त, डॉ. चौधुरी ने छात्रों को यह भी बताया कि शरीर के आंतरिक अंगों की सटीक पहचान और उनका सही स्थान जानना कितना महत्वपूर्ण है, विशेषकर सर्जिकल प्रक्रियाओं में। उन्होंने विद्यार्थियों को यह भी समझाया कि सर्जरी और अन्य चिकित्सीय प्रक्रियाओं के दौरान इन अंगों की सही पहचान से मरीज की स्थिति को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता है।
एनेटॉमी और चिकित्सा शिक्षा में बदलाव
इस वास्तविक कक्षा प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य एनेटॉमी के अध्ययन को और अधिक वास्तविक बनाना था। संतिनिकेतन मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसरों और छात्रों ने इस नए दृष्टिकोण की सराहना की, क्योंकि इससे छात्रों को न केवल शारीरिक संरचनाओं को बेहतर तरीके से समझने का अवसर मिला, बल्कि उनके चिकित्सीय ज्ञान में भी वृद्धि हुई।
कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अर्चना सिंह ने इस सत्र की महत्वता पर जोर देते हुए कहा, “आजकल चिकित्सा शिक्षा में केवल सैद्धांतिक ज्ञान से काम नहीं चलता। हमें विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान और अनुभव देने की आवश्यकता है, ताकि वे वास्तविक जीवन में पेशेवर चिकित्सक के रूप में कार्य कर सकें। डॉ. शुभ्रमॉय चौधुरी का यह प्रयास निश्चित रूप से हमारे छात्रों के लिए लाभकारी सिद्ध हुआ है।”
विद्यार्थियों का अनुभव और प्रतिक्रिया
सत्र के बाद छात्रों ने अपनी प्रतिक्रिया साझा की और इसे एक अत्यधिक मूल्यवान अनुभव बताया। छात्र रिया साहा ने कहा, “इस कक्षा प्रदर्शन ने मुझे एनेटॉमी के बारे में एक नया दृष्टिकोण दिया। मैंने अब तक किताबों में पढ़ा था, लेकिन आज जो अनुभव मुझे मिला, वह कुछ अलग था। वास्तविक अंगों और संरचनाओं को देखकर मुझे यह समझने में मदद मिली कि चिकित्सा क्षेत्र में एनेटॉमी का महत्व कितना है।”
वहीं, छात्र अर्जुन कुमार ने कहा, “डॉ. चौधुरी ने जो कुछ भी सिखाया, वह न केवल एनेटॉमी का शैक्षिक पहलू था, बल्कि इसके चिकित्सीय और सर्जिकल पहलू को भी ध्यान में रखा गया था। इस तरह के प्रदर्शन से हम वास्तविक दुनिया में चिकित्सा ज्ञान को बेहतर तरीके से लागू कर पाएंगे।”
आगे की योजना और विकास
इस तरह के सत्र के बाद, संतिनिकेतन मेडिकल कॉलेज के प्रशासन ने अन्य विषयों पर भी इसी प्रकार के वास्तविक कक्षा प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बनाई है। डॉ. शुभ्रमॉय चौधुरी ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य अधिक से अधिक छात्रों को इस तरह के अनुभव से जोड़ना है, ताकि वे केवल किताबों तक सीमित न रहें, बल्कि उन्हें चिकित्सा क्षेत्र की वास्तविकता का भी बोध हो सके।
डॉ. शुभ्रमॉय चौधुरी द्वारा आयोजित ‘एनेटॉमी’ पर यह वास्तविक कक्षा प्रदर्शन संतिनिकेतन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ऐतिहासिक पहल साबित हुआ है। इसने विद्यार्थियों को शारीरिक संरचनाओं का सजीव अध्ययन करने का अवसर प्रदान किया और चिकित्सा शिक्षा को एक नई दिशा दी। इस प्रकार के शैक्षिक अनुभव से छात्रों को भविष्य में बेहतर चिकित्सक बनने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्राप्त होगा।
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