A New Chapter: भारतीय टेनिस टीम ने डेविस कप वर्ल्ड ग्रुप ‘वन’ के टाई में स्विट्जरलैंड को 3-1 से हराकर इतिहास रच दिया है। यह जीत भारतीय टेनिस के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है, क्योंकि 32 साल बाद भारत ने किसी यूरोपीय टीम को उसी की धरती पर मात दी है। इस शानदार जीत के साथ, भारत पहली बार डेविस कप क्वालिफायर में पहुंच गया है।
सुमित नागल रहे जीत के हीरो
इस ऐतिहासिक जीत के मुख्य सूत्रधार सुमित नागल रहे, जिन्होंने दोनों एकल मैच जीतकर भारत की जीत सुनिश्चित की। पहले एकल मैच में, नागल ने युवा स्विस खिलाड़ी हेनरी बर्नेट को सीधे सेटों में 6-1, 6-3 से हराया।
हालांकि, युगल मैच में, एन. श्रीराम बालाजी और रित्विक बोलीपल्ली की जोड़ी ने पहला सेट जीता, लेकिन वे जैकब पॉल और डोमिनिक स्ट्राइकर से 7-6 (3), 4-6, 5-7 से हार गए। इसके बावजूद, इस हार का भारत के समग्र प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ा, क्योंकि पहले दो एकल मैचों में डाकिनेश्वर सुरेश और सुमित नागल ने भारत को 2-0 की बढ़त दिला दी थी।
32 साल का लंबा इंतजार हुआ खत्म
यह जीत भारतीय टेनिस के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आखिरी बार 1993 में, लिएंडर पेस और रमेश कृष्णन जैसे दिग्गज खिलाड़ियों ने डेविस कप क्वार्टर फाइनल में फ्रांस को उन्हीं की धरती पर हराया था। हाल ही में 2022 में, भारत ने डेनमार्क को हराया था, लेकिन वह मैच भारत में ही खेला गया था। यही वजह है कि स्विट्जरलैंड के खिलाफ यह जीत इतनी यादगार बन गई है।
इस जीत के बाद, सुमित नागल ने कहा, “हमने इतने लंबे समय के बाद यूरोपीय धरती पर जीत हासिल की है। हमने इस टाई के लिए कड़ी मेहनत की थी।”
यह जीत भारतीय टेनिस को एक कदम और आगे ले गई है। अब भारतीय टीम जनवरी 2026 में होने वाले डेविस कप क्वालिफायर के पहले दौर में अपना सफर शुरू करेगी।
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