India’s Golden Night: नवी मुंबई। 2 नवंबर, 2025 की रात नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया। कप्तान हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार आईसीसी महिला वनडे विश्व कप (ICC Women’s World Cup 2025) का खिताब अपने नाम किया। यह जीत न सिर्फ 140 करोड़ भारतीयों के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि महिला क्रिकेट के 52 साल के इतिहास में भारत को पहली आईसीसी ट्रॉफी भी मिली है।
शानदार प्रदर्शन: भारत की पारी का लेखा-जोखा
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने निर्धारित 50 ओवर में 7 विकेट खोकर 298 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया।
सलामी बल्लेबाजों का धमाका: भारत को सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना ने शानदार शुरुआत दी, दोनों ने पहले विकेट के लिए 104 रनों की साझेदारी की।
शेफाली का तूफान: सेमीफाइनल में असफल रहीं शेफाली वर्मा ने फाइनल में सारी कसर पूरी करते हुए 78 गेंदों पर 7 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 87 रनों की तूफानी पारी खेली। वह विश्व कप फाइनल में सबसे कम उम्र में अर्धशतक बनाने वाली ओपनिंग बल्लेबाज भी बनीं।
दीप्ति शर्मा का ऑलराउंड प्रदर्शन: मध्यक्रम में अनुभवी ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने बल्ले से भी कमाल दिखाया और महत्वपूर्ण 58 रन बनाए, जो टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाने में सहायक साबित हुए।
ऋचा घोष का कैमियो: अंत में ऋचा घोष ने 24 गेंदों पर 34 रनों की तेज पारी खेलकर स्कोर को 298 तक पहुंचाया।
गेंदबाजों का जलवा: दीप्ति और शेफाली ने पलटा मैच
299 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीकी टीम ने कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट की बेहतरीन बल्लेबाजी की बदौलत मुकाबला रोमांचक बना दिया।
वोल्वार्ड्ट का शतक: वोल्वार्ड्ट ने एक छोर संभाले रखा और 98 गेंदों पर 101 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली, जिसने भारतीय खेमे की सांसे थाम दी थीं।
‘दीप्ति का पंजा’ और मैच का टर्निंग पॉइंट: मैच का निर्णायक मोड़ 42वें ओवर में आया, जब भारत की स्टार ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने खतरनाक दिख रही वोल्वार्ड्ट को अमनजोत कौर के हाथों कैच कराकर पवेलियन भेज दिया। इसी ओवर में दीप्ति ने एक और विकेट लेकर मैच का रुख पूरी तरह से भारत की ओर मोड़ दिया। दीप्ति ने अपने स्पेल में 39 रन देकर 5 विकेट झटके और ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ भी बनीं।
शेफाली की गेंदबाजी का कमाल: बल्लेबाजी में शानदार प्रदर्शन के बाद, कप्तान हरमनप्रीत ने शेफाली वर्मा को गेंद थमाई, और उन्होंने भी 2 अहम विकेट लेकर टीम को मजबूती प्रदान की।
दक्षिण अफ्रीका की टीम 45.3 ओवर में 246 रन पर ऑल आउट हो गई, और भारत ने 52 रनों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
एक नए युग की शुरुआत
यह जीत सिर्फ एक क्रिकेट मैच नहीं है, बल्कि यह देश की युवा लड़कियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। 25 साल बाद महिला क्रिकेट को भारत के रूप में एक नया विश्व चैंपियन मिला है। हरमनप्रीत कौर अब कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी की तरह आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाली भारतीय कप्तान बन गई हैं। बीसीसीआई ने भी इस ऐतिहासिक जीत के लिए टीम के लिए बड़ी पुरस्कार राशि की घोषणा की है।
इस ऐतिहासिक क्षण में, पूरा देश ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के जयकारों से गूंज उठा।
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