BRO Breaks: भारत ने एक बार फिर दुनिया को अपनी इंजीनियरिंग क्षमता का लोहा मनवाया है। बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने समुद्र तल से 19,400 फीट की ऊंचाई पर सड़क बनाकर एक नया विश्व रिकॉर्ड कायम किया है। इस सड़क का निर्माण लद्दाख के अत्यंत दुर्गम मिग ला पास (Mig La Pass) में किया गया है।
यह वही संस्था है जिसने वर्ष 2021 में उमलिंग ला पास (Umling La Pass) में 19,024 फीट की ऊंचाई पर सड़क बनाकर उस समय विश्व का सबसे ऊंचा मोटर चालित मार्ग तैयार किया था। अब, चार साल बाद, BRO ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए दुनिया की सबसे ऊंची सड़क बनाकर इतिहास रच दिया है।
🚧 चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बना अद्भुत मार्ग
लद्दाख की ऊंची पहाड़ियों पर सड़क बनाना आसान नहीं। यहां का तापमान सर्दियों में -30 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है, हवा में ऑक्सीजन की मात्रा बेहद कम होती है, और मौसम हर पल बदलता रहता है।
फिर भी BRO के इंजीनियरों और जवानों ने इन सब बाधाओं को पार करते हुए मिग ला पास तक मोटर योग्य सड़क बना डाली।
इस सड़क के निर्माण में लगभग आठ महीने लगे। काम दिसंबर 2024 में शुरू हुआ था और सितंबर 2025 में यह सड़क पूरी तरह तैयार हो गई। यह परियोजना BRO की “Project Himank” शाखा के तहत पूरी की गई, जो ऊंचे इलाकों में सड़क निर्माण के लिए जानी जाती है।
🧱 तकनीक और मानव धैर्य का संगम
BRO के इंजीनियरों ने बताया कि इस सड़क निर्माण में अत्याधुनिक तकनीक और विशेष सामग्रियों का प्रयोग किया गया है।
- सभी मशीनों में हाई-ऑल्टिट्यूड लुब्रिकेंट्स का इस्तेमाल किया गया ताकि अत्यधिक ठंड में भी वे चल सकें।
- सड़क की नींव में geo-textile reinforcements बिछाए गए हैं जिससे सड़क बर्फ़ और जल निकासी की स्थिति में भी स्थिर बनी रहे।
- काम करने वाले सभी कर्मचारियों के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी की गई क्योंकि इतनी ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी से हाई एल्टीट्यूड सिकनेस का खतरा बना रहता है।
BRO के ब्रिगेडियर वी. के. शर्मा, जो इस परियोजना के प्रमुख थे, ने कहा —
“हमने सिर्फ सड़क नहीं बनाई, बल्कि भारत की सीमाओं को जोड़ने और मजबूत करने का काम किया है। यह भारत की तकनीकी क्षमता और संकल्प का प्रमाण है।”
सामरिक दृष्टि से बेहद अहम
इस सड़क का महत्व केवल इंजीनियरिंग उपलब्धि के रूप में नहीं देखा जा सकता।
लद्दाख की भौगोलिक स्थिति इसे सामरिक रूप से अत्यंत संवेदनशील बनाती है। यह सड़क भारतीय सेना की सप्लाई लाइन को और मज़बूत करेगी और सीमावर्ती क्षेत्रों तक तेज़ी से सैनिक और संसाधन पहुंचाने में मदद करेगी।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन सीमा के पास यह नई सड़क भारत की रणनीतिक स्थिति को और मजबूत करेगी।
एक विशेषज्ञ ने कहा —
“BRO का यह कदम केवल रिकॉर्ड नहीं, बल्कि भारत की सीमाओं की सुरक्षा के लिए एक रणनीतिक उपलब्धि है।”
🌄 स्थानीय निवासियों के लिए वरदान
इस सड़क के बनने से न केवल सेना को फायदा होगा, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन में भी बड़ा बदलाव आएगा।
पहले जहां दुर्गम पहाड़ी रास्तों के कारण गांवों तक पहुंचने में दो से तीन दिन लगते थे, अब कुछ ही घंटों में यात्रा पूरी की जा सकती है।
मिग ला पास के नजदीकी गांव के निवासी त्सेरिंग दोरजे ने कहा —
“पहले हमें सामान लाने-ले जाने के लिए खच्चरों पर निर्भर रहना पड़ता था, अब वाहन सीधे गांव तक पहुंच सकते हैं। BRO ने हमें दुनिया से जोड़ दिया है।”
❄️ प्रकृति से हर दिन जंग
BRO की टीम को हर दिन नई चुनौती का सामना करना पड़ा।
कभी भारी बर्फबारी, कभी भूस्खलन और कभी तेज़ ठंडी हवाएं। कई बार मशीनें जम जाने के कारण काम रोकना पड़ा, लेकिन टीम ने हिम्मत नहीं हारी।
BRO के एक अधिकारी ने बताया —
“हर दिन लगता था जैसे प्रकृति हमारी परीक्षा ले रही है, लेकिन हमारा संकल्प उससे बड़ा था।”
🌿 पर्यावरण संतुलन पर भी ध्यान
BRO ने इस सड़क के निर्माण में पर्यावरणीय संतुलन का भी पूरा ध्यान रखा।
सड़क के किनारे लगभग 2000 से अधिक पौधे लगाए गए ताकि पारिस्थितिकी तंत्र पर असर कम से कम हो।
साथ ही, निर्माण सामग्री का उपयोग इस तरह से किया गया जिससे स्थानीय वन्य जीवन को कोई नुकसान न पहुंचे।
परियोजना को BRO के ‘Green Road Mission’ के तहत पूरा किया गया है।
🏅 भारत को मिलेगा नया विश्व रिकॉर्ड
BRO की इस उपलब्धि की जानकारी गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को भी भेजी गई है। जल्द ही इसे “World’s Highest Motorable Road” के रूप में आधिकारिक मान्यता मिलने की संभावना है।
भारत सरकार भी इसे “Engineering Marvel of India” घोषित करने पर विचार कर रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा —
“BRO केवल सड़कें नहीं बनाता, वह राष्ट्र की धड़कनों को जोड़ता है। 19,400 फीट की ऊंचाई पर सड़क बनाना भारत की अडिग भावना का प्रतीक है।”
🛣️ भविष्य की राहें
BRO ने यह भी घोषणा की है कि आने वाले वर्षों में लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में और कई सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
लक्ष्य है कि 2030 तक भारत की सभी सीमांत चौकियों तक ऑल-वेथर कनेक्टिविटी उपलब्ध हो जाए।
BRO के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघुवीर सिंह ने कहा —
“हर सड़क जो हम बनाते हैं, वह केवल मीलों का रास्ता नहीं, बल्कि देश की एकता और सुरक्षा का प्रतीक होती है।”
✨ निष्कर्ष
BRO की यह उपलब्धि सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं, बल्कि भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति, तकनीकी कौशल और राष्ट्रभक्ति की जीवंत मिसाल है।
19,400 फीट की ऊंचाई पर यह सड़क दुनिया को दिखाती है कि भारत किसी भी परिस्थिति में अपने लक्ष्य तक पहुंचने का हौसला रखता है।
लद्दाख की बर्फ़ से ढकी चोटियों के बीच अब गूंजेगी इंजनों की आवाज़ — जो यह संदेश देती है कि जहां इच्छा है, वहां राह है… और वह राह BRO बना सकता है!






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