Success Through Focus: हाल ही में घोषित हुए UGC NET 2025 के परिणामों में पश्चिम बंगाल के लिए एक बड़ी उपलब्धि सामने आई है। वर्धमान विश्वविद्यालय की छात्रा निलुफा यास्मीन ने बंगाली विषय में अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है, वो भी पूरे 100 परसेंटाइल के साथ! इस शानदार सफलता ने न केवल उनके परिवार और शिक्षकों को गौरवान्वित किया है, बल्कि पूरे राज्य को उन पर गर्व है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर निलुफा और जनसंचार एवं पत्रकारिता में द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली रिक्ता चक्रवर्ती को बधाई दी है।
“अगर मैं बंगाली पढ़ूं तो क्या होगा?” का उत्तर
अक्सर ऐसे सवाल उठते हैं कि “बंगाली साहित्य पढ़ने से क्या होगा?” निलुफा यास्मीन ने अपने असाधारण प्रदर्शन से इन सभी सवालों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। उनकी यह उपलब्धि साबित करती है कि किताबें और संगीत की साधना कभी व्यर्थ नहीं जाती। पूर्वी बर्धमान के कटोया की रहने वाली निलुफा ने 21 जुलाई को घोषित UGC NET परिणामों में 3,684 उम्मीदवारों के बीच बंगाली विषय में पहला स्थान हासिल किया है, जिससे उन्हें जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) और असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में आवेदन करने की पात्रता मिली है।
संगीत और साहित्य के संगम पर शोध
फिलहाल, निलुफा बर्धमान विश्वविद्यालय के बंगाली विभाग में मध्यकालीन बंगाली साहित्य में पदावली और विभिन्न समुदायों के संगीत के प्रभाव पर पीएचडी कर रही हैं। यह उनके संगीत प्रेम को भी दर्शाता है, क्योंकि वह पढ़ाई के साथ-साथ गाना गाने और सुनने का भी शौक रखती हैं। निलुफा बचपन से ही अकादमिक रूप से उत्कृष्ट रही हैं; उन्होंने स्कूल से लेकर कॉलेज तक हमेशा प्रथम स्थान प्राप्त किया है और विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर स्तर पर तीसरा स्थान हासिल किया था। देश भर में पहला स्थान प्राप्त करना उनके लिए भी अप्रत्याशित था।
असफलता से नहीं मानी हार
निलुफा ने बताया कि यह सफलता केवल उनकी नहीं, बल्कि उनके परिवार और साथियों की भी है, जिन्होंने उन्हें लगातार प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि पहले दो प्रयासों में वह JRF हासिल करने से चूक गई थीं, लेकिन उनके करीबियों ने उन्हें ‘हार मत मानो दोस्त’ कहकर हौसला दिया। संगीत के प्रति उनका प्रेम भी अटूट है, और वह अक्सर यूट्यूब पर अपने गायन के वीडियो साझा करती हैं।
वर्धमान विश्वविद्यालय की शानदार परंपरा
वर्धमान विश्वविद्यालय के बंगाली विभाग के लिए यह कोई नई बात नहीं है। इससे पहले 2021 में छंदमंजरी चट्टोपाध्याय और 2023 में प्रियंका कुंडू भी UGC NET JRF में अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त कर चुकी हैं। निलुफा को उनसे सीखने का अवसर भी मिला है। उनके शोध निर्देशक, प्रोफेसर रमेनकुमार सर ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि बंगाली विभाग की छात्राएं लगातार इस परंपरा को बनाए रख रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि निलुफा ने तीसरी बार परीक्षा देने तक बहुत कड़ी मेहनत की थी। हालांकि, उन्होंने एक महत्वपूर्ण बिंदु भी उठाया कि शोध में अक्सर पुस्तकालयों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिससे पर्याप्त जानकारी की कमी हो सकती है और भविष्य में बहस की गुंजाइश बन सकती है।
इस साल के UGC NET में 5,269 उम्मीदवारों ने जूनियर रिसर्च फेलोशिप और असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में आवेदन करने की योग्यता हासिल की है। इनमें से निलुफा यास्मीन ने बंगाली विषय में और मध्यग्राम की रिक्ता चक्रवर्ती ने जनसंचार एवं पत्रकारिता में देश भर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इन दोनों युवा प्रतिभाओं की सफलता पूरे राज्य के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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