Tripura youth Aritra Roy’s daring expedition: त्रिपुरा राज्य का एक युवक अरित्रा रॉय आज एक साहसिक अभियान पर निकला है, जिसके माध्यम से वह राज्य का नाम माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चमकाना चाहता है। उनकी यात्रा आज अगरतला स्थित असम राइफल्स कैंप से शुरू हुई, जहां उनकी साइकिल यात्रा का आधिकारिक उद्घाटन किया गया। अरित्रा रॉय की यह महान पहल न केवल त्रिपुरा राज्य के लिए, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर भारत के लिए गौरव का विषय बन गई है।
पृथ्वी की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर पहुंचना साहस का एक अद्वितीय कार्य है। इस अभियान में अरित्रा रॉय ने एक नया और अभिनव साधन चुना है – साइकिल चलाना। इस चुनौती में उन्हें असम राइफल्स का सहयोग मिल रहा है, जो उनकी सुरक्षा और प्रशिक्षण प्रबंधन में सहायता कर रही है।
(Cycle journey to Mount Everest) अरित्रा रॉय द्वारा इस अभियान का उद्देश्य:
अरित्रा रॉय के साइकिल अभियान का उद्देश्य न केवल माउंट एवरेस्ट तक पहुंचना है, बल्कि त्रिपुरा राज्य के युवाओं के लिए एक उदाहरण स्थापित करना भी है। वह चाहते हैं कि अन्य युवा उनकी यात्रा से प्रेरित हों और जीवन में सभी बाधाओं को पार करने और अपने लक्ष्य तक पहुंचने का साहस रखें।
अरित्रा के अनुसार, माउंट एवरेस्ट तक साइकिल यात्रा न केवल शारीरिक परीक्षण है, बल्कि मानसिक शक्ति का भी परीक्षण है। उनका मानना है कि उनका अभियान दुनिया भर में त्रिपुरा का नाम फैलाने में मदद करेगा और राज्य के युवाओं में उत्साह और रचनात्मकता पैदा करेगा। इस अभियान के माध्यम से वह युवाओं को नई चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं।
आधिकारिक उद्घाटन: अगरतला असम राइफल कैंप
आज सुबह 10 बजे अगरतला स्थित असम राइफल्स कैंप में औपचारिक उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया, जहां अरित्रा रॉय की साइकिल यात्रा शुरू करने की तैयारियां पूरी कर ली गईं। उद्घाटन समारोह में असम राइफल्स के उच्च पदस्थ अधिकारी, त्रिपुरा राज्य सरकार के विभिन्न अधिकारी, खेल विशेषज्ञ और मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कार्यक्रम में अरित्रा रॉय ने अपने अभियान के उद्देश्य और चुनौतियों के बारे में बात की। उन्होंने कहा, “यह यात्रा सिर्फ मेरे लिए नहीं है, बल्कि त्रिपुरा के सभी युवाओं के लिए एक संदेश है। मैं चाहता हूं कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमारे पास कड़ी मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास हो।” इस कार्यक्रम में राज्य के खेल मंत्री भी उपस्थित थे, जिन्होंने अरित्रा रॉय की साहसी पहल की प्रशंसा की और उन्हें बधाई दी।
साइकिल अभियान की तैयारी और योजना बनाना
अरित्रा रॉय की इस साइकिल यात्रा की तैयारी लगभग छह महीने पहले शुरू हो गई थी। उन्होंने सबसे पहले शारीरिक रूप से तैयारी शुरू की, साथ ही माउंट एवरेस्ट के वातावरण और विभिन्न मार्गों पर विस्तृत शोध भी किया। उनके अभियान के लिए साइकिल और अन्य उपकरण विशेष रूप से तैयार किए गए हैं, ताकि रास्ते में उन्हें किसी भी बाधा का सामना न करना पड़े।
इस ऑपरेशन के लिए विशेषज्ञों का सहयोग मांगा गया है। उनकी सलाह का पालन करते हुए अरित्रा रॉय ने खुद को मनोवैज्ञानिक के साथ-साथ शारीरिक रूप से भी तैयार किया है। इसके अलावा, अभियानों के लिए साइकिल चलाने और आपातकालीन स्वास्थ्य जांच के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण आयोजित किए गए हैं।
असम राइफल्स सहयोग
असम राइफल्स इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए अरित्रा रॉय को पूर्ण सहयोग दे रही है। असम राइफल्स न केवल सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कर रही है, बल्कि ऑपरेशन के दौरान दैनिक तैयारी, मार्गदर्शन और आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था भी प्रदान कर रही है। असम राइफल्स के अधिकारियों ने कहा, “हम इस ऑपरेशन में अरित्रा को पूरा सहयोग दे रहे हैं और उसकी सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
माउंट एवरेस्ट की यात्रा
अरित्रा रॉय का साइकिल अभियान मार्ग अत्यंत कठिन है। उन्हें विभिन्न जलवायु, पहाड़ी रास्तों और अधिक ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी की समस्या से पार पाना होगा। हालाँकि, उनका दृढ़ रवैया और कठोर तैयारी उन्हें इन सभी चुनौतियों से पार पाने में मदद करेगी।
अरित्रा का अभियान सिर्फ एक शारीरिक चुनौती नहीं है, यह त्रिपुरा के लोगों की शक्ति, दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास का प्रतीक भी है। अपनी यात्रा के माध्यम से वह यह साबित करना चाहते हैं कि यदि हमारे पास इच्छाशक्ति और धैर्य हो तो कुछ भी असंभव नहीं है।
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