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विद्यालयों में शिक्षक भर्ती: उम्मीद और विवादों के बीच SSC की पहल

SSC Announces: हाल ही में स्कूल सेवा आयोग (SSC) द्वारा जारी की गई 35,726 रिक्तियों की घोषणा ने पश्चिम बंगाल के युवाओं में नई उम्मीद जगाई है। यह भर्ती प्रक्रिया दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित है: कक्षा 9-10 के लिए 23,212 पद और कक्षा 11-12 के लिए 12,514 पद। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब शिक्षा क्षेत्र में लंबे समय से रिक्त पदों को भरने की मांग की जा रही थी। हालांकि, इस पहल के साथ कई विवाद भी जुड़ गए हैं, जिसने इस प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

विषय-वार रिक्ति और परीक्षा की तैयारी

SSC ने सभी विषयों के लिए रिक्त पदों की विस्तृत सूची जारी की है। इसमें सबसे अधिक रिक्तियाँ भौतिक विज्ञान (Physical Science) में हैं, जबकि भूगोल (Geography) में सबसे कम पद हैं। यह सूची सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जारी की गई है, जिसमें 17% ओबीसी आरक्षण का भी ध्यान रखा गया है।

परीक्षा की तारीखें भी निर्धारित हो चुकी हैं। कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए परीक्षा 7 सितंबर को, और कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए परीक्षा 14 सितंबर को आयोजित की जाएगी। चूंकि परीक्षा की तारीखें नजदीक हैं, उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे अपने समय का सदुपयोग करें और अपनी तैयारी पर ध्यान केंद्रित करें।

विवादों का साया: “दागी” उम्मीदवारों की सूची

यह भर्ती प्रक्रिया कई विवादों से घिरी हुई है। सबसे बड़ा मुद्दा “दागी” उम्मीदवारों की सूची का है, जिसे SSC ने हाल ही में जारी किया था। इस सूची में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और उनके रिश्तेदारों के नाम शामिल थे, जिस पर काफी विवाद हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इन उम्मीदवारों को भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। एक योग्य शिक्षक ने यह भी शिकायत की है कि कई अन्य “दागी” उम्मीदवारों के नाम इस सूची में शामिल नहीं हैं, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं।

इस घटना ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को लेकर विपक्षी दलों को भी आवाज उठाने का मौका दिया है। वे लगातार सवाल उठा रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि पूरी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया जाए ताकि योग्य उम्मीदवारों को उनका हक मिल सके।

निष्कर्ष

SSC की यह पहल हजारों उम्मीदवारों के लिए रोजगार के नए अवसर लेकर आई है। यह एक सकारात्मक कदम है जो राज्य में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में मदद कर सकता है। हालांकि, इससे जुड़े विवादों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। सरकार और संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी हो। इससे योग्य उम्मीदवारों का विश्वास बढ़ेगा और विवादों का समाधान हो सकेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह भर्ती प्रक्रिया किस दिशा में आगे बढ़ती है और क्या यह सभी विवादों से मुक्त हो पाती है।

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