Sikkim: सुकंतो बनिक चौधरी, सिक्किम, पॉजिटिव वार्ता: भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से में बसा, प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर राज्य सिक्किम—यह नाम सुनते ही आँखों के सामने बर्फ से ढका कंचनजंघा, पहाड़ी नदियाँ और लामाओं की प्रार्थना की ध्वनि कौंध उठती है। लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि “सिक्किम” नाम का मूल रूप या अर्थ क्या था? यह नाम कहाँ से आया? यह शब्द अपने साथ कौन सा इतिहास समेटे हुए है?
आज हम अपने पाठकों के सामने “सिक्किम” नाम का मूल अर्थ और उसके पीछे के दिलचस्प इतिहास को प्रस्तुत करने जा रहे हैं।
“सिक्किम” (Sikkim) शब्द कहाँ से आया?
“सिक्किम” शब्द की उत्पत्ति तिब्बती भाषा से हुई है। यह तिब्बती शब्द “सु” (नया) और “खिम” (घर या महल)—इन दो शब्दों के मेल से “सुखिम” या “सिक्किम” बना है। जिसका शाब्दिक अर्थ होता है—”नया महल”।
इस नाम की उत्पत्ति के बारे में कई इतिहासकारों का मानना है कि 17वीं शताब्दी में जब पहले चोग्याल (राजा) फुंटसोग नामग्याल ने इस क्षेत्र में शासन शुरू किया, तो उन्होंने अपनी नई राजधानी की स्थापना की। इसी नए राजमहल के कारण इस क्षेत्र का नाम ‘सिक्किम’ पड़ा।
स्थानीय लोगों की नज़र में सिक्किम
हालांकि तिब्बती व्याख्या के अलावा, सिक्किम को लेकर कई जातीय समूहों की अपनी-अपनी व्याख्याएँ और नाम हैं। जैसे:
लेपचा लोग इस क्षेत्र को “न्ये-माए-एल” कहते हैं, जिसका अर्थ है “आशीर्वादित भूमि”।
नेपाली लोग इसे “सुखिम” कहते हैं, जो वास्तव में तिब्बती शब्द का ही एक रूपांतरण है।
ये व्याख्याएँ दर्शाती हैं कि सिक्किम केवल एक भौगोलिक नाम नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक पहचान और एक ऐतिहासिक विरासत का वाहक है।
सिर्फ़ नाम नहीं, एक गौरवशाली इतिहास
सिक्किम के इतिहास में राजशाही, धार्मिक प्रभाव और सांस्कृतिक विविधता एक साथ गुंथी हुई है। प्राचीन काल में यह एक स्वतंत्र राज्य था, बाद में ब्रिटिश प्रभाव में आया और भारत की स्वतंत्रता के बाद 1975 में भारत का एक पूर्ण राज्य बना।
इस पूरी यात्रा का साथी था वह नाम—”सिक्किम”, जिसका आंतरिक अर्थ ही एक नई शुरुआत का संकेत देता है।
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