Mizoram Becomes India’s First Fully Literate State: भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मिज़ोरम ने एक नया इतिहास रच दिया है। मई 2025 में इसे देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया गया है। यह ऐतिहासिक घोषणा केंद्र सरकार की प्रमुख साक्षरता योजना ‘उल्लास – नव भारत साक्षरता कार्यक्रम’ (ULLAS) के अंतर्गत की गई, जिसमें किसी राज्य को पूर्ण साक्षर तब माना जाता है जब वहां की साक्षरता दर कम से कम 95% हो।
मिज़ोरम ने इस मानदंड को पार करते हुए 98.2% की साक्षरता दर हासिल की है, जो न केवल राज्य के लिए गर्व की बात है बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है।
📈 मिज़ोरम की साक्षरता यात्रा: एक झलक
मिज़ोरम का शिक्षा क्षेत्र वर्षों से सुदृढ़ रहा है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य की साक्षरता दर थी 91.33%। हालांकि यह दर उस समय भी कई राज्यों से बेहतर थी, लेकिन मिज़ोरम सरकार ने इसे और भी बेहतर बनाने की ठानी। अगले एक दशक में, उन्होंने समावेशी शिक्षा, वयस्क साक्षरता, महिला शिक्षा और डिजिटल साक्षरता जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया।
परिणामस्वरूप, मिज़ोरम ने 2025 तक 98.2% साक्षरता दर प्राप्त कर ली, जो भारत के किसी भी राज्य में सबसे अधिक है। इस उपलब्धि के साथ मिज़ोरम ने केरल, लक्षद्वीप और दिल्ली जैसे राज्यों को पीछे छोड़ दिया।
🧑🏫 इस सफलता के सूत्रधार कौन?
मिज़ोरम की इस उपलब्धि के पीछे अनेक लोगों और संस्थाओं की मेहनत है। विशेषकर राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन, शिक्षकों, स्वयंसेवकों और आम जनता ने मिलकर यह सपना साकार किया।
- सरकार ने दूरदराज़ के क्षेत्रों में शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराईं।
- सैकड़ों स्वयंसेवकों ने वयस्कों को पढ़ाना शुरू किया, विशेष रूप से महिलाओं को।
- ग़ैर सरकारी संगठन और चर्च संस्थाओं ने शिक्षा को जन आंदोलन बना दिया।
एक दिलचस्प पहलू यह रहा कि शिक्षा सिर्फ एक योजना नहीं रही, बल्कि जन-जन की आकांक्षा बन गई।
🏫 ‘उल्लास’ योजना की भूमिका
ULLAS, यानि ‘Understanding Lifelong Learning for All in Society’, भारत सरकार द्वारा 2022 में शुरू किया गया एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। इसका लक्ष्य था पूरे देश को साक्षर और शिक्षित बनाना।
मिज़ोरम ने इस योजना को बेहद गंभीरता से अपनाया। राज्य सरकार ने हर जिले, हर गांव तक साक्षरता केंद्र स्थापित किए। डिजिटल शिक्षा वैन, मोबाइल पुस्तकालय और सामुदायिक लर्निंग ग्रुप्स ने इस प्रयास को सफल बनाया।
🌐 डिजिटल क्रांति ने शिक्षा को घर-घर पहुँचाया
डिजिटल प्लेटफॉर्म और मोबाइल एप्स ने मिज़ोरम के साक्षरता मिशन को नई ऊंचाई दी। ‘Mizo Learn’ नामक एक बहुभाषी मोबाइल ऐप विकसित किया गया जो मिज़ो, हिंदी और अंग्रेज़ी में प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करता है।
राज्य के गांवों में इंटरनेट सेवा और डिजिटल टैबलेट्स की मदद से युवा और वृद्ध – दोनों को पढ़ाया गया। इसी कारण, ग्रामीण क्षेत्रों की साक्षरता दर में भारी वृद्धि देखी गई।
🏆 केरल को पछाड़कर नई मिसाल
कई वर्षों तक केरल भारत का सबसे साक्षर राज्य माना जाता रहा है। लेकिन 2025 में मिज़ोरम ने 98.2% साक्षरता दर के साथ यह ताज अपने नाम कर लिया। केरल की वर्तमान दर 96.2% है, जबकि लक्षद्वीप की दर 95.4% है।
यह केवल आंकड़ों की जीत नहीं, बल्कि यह दिखाता है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति और जनभागीदारी के माध्यम से कोई भी राज्य शिक्षा में शीर्ष पर पहुँच सकता है।
🗣️ क्या बोले प्रमुख नेता?
मिज़ोरम के मुख्यमंत्री श्री लालथांगा चुआनगो ने कहा:
“यह मिज़ोरम के हर नागरिक की जीत है। शिक्षा को हमने केवल अधिकार नहीं, बल्कि जिम्मेदारी समझा है।”
केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस पर टिप्पणी की:
“मिज़ोरम का यह कीर्तिमान अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श मॉडल है। हम आशा करते हैं कि यह प्रेरणा पूरे भारत में शिक्षा की क्रांति लाएगी।”
📚 आगे की राह: उच्च शिक्षा और कौशल विकास
मिज़ोरम सरकार ने इस उपलब्धि के बाद अब लक्ष्य तय किया है — राज्य को उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण का केंद्र बनाना।
- प्रत्येक जिले में एक डिजिटल लर्निंग हब बनाया जा रहा है।
- महिला शिक्षा और रोजगार-प्रशिक्षण कार्यक्रम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
- कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की जा रही है ताकि पढ़े-लिखे युवाओं को रोज़गार मिल सके।
🎉 जनता की प्रतिक्रिया
राज्यभर में इस घोषणा के बाद उत्सव का माहौल है। स्कूलों, कॉलेजों, और समुदाय केंद्रों में साक्षरता जुलूस निकाले गए, शिक्षकों और स्वयंसेवकों को सम्मानित किया गया।
एक ग्रामीण विद्यालय की शिक्षिका, मिसेस एलसी ललरीनावी ने कहा:
“यह मेरा सपना था कि हमारे गांव की हर महिला पढ़ी-लिखी हो। आज वह सपना पूरा हुआ।”
✅ निष्कर्ष: भारत के लिए प्रेरणास्रोत
मिज़ोरम की यह सफलता सिर्फ एक राज्य की नहीं, बल्कि सम्पूर्ण भारत के लिए एक प्रेरणा है। यह दिखाता है कि यदि सरकार, समाज और जनता मिलकर कार्य करें, तो शिक्षा का उजाला हर कोने में पहुँच सकता है।
अब समय है कि देश के अन्य राज्य भी मिज़ोरम की इस ऐतिहासिक सफलता से प्रेरणा लें और साक्षरता की राह पर सशक्त कदम बढ़ाएँ।
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