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भारत ने रचा इतिहास, स्वदेशी तकनीक से स्ट्रैटोस्फेयर में भरी उड़ान

India Soars to New Heights: नई दिल्ली: देश की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए, भारत ने अपनी स्वदेशी तकनीक के दम पर एक अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। अब भारत उन चुनिंदा देशों की प्रतिष्ठित सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने स्ट्रैटोस्फेयर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। यह एक ऐसा मुकाम है, जहाँ पहुँचकर देश की सुरक्षा को और भी अधिक सुदृढ़ किया जा सकेगा।

अब तक इस विशिष्ट सूची में भारत का नाम शामिल नहीं था। लेकिन, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अथक प्रयासों से यह दुर्लभ उपलब्धि अब भारत के नाम हो गई है। इस सफलता के साथ ही भारत ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर अपनी क्षमता का लोहा मनवा दिया है।

स्वदेशी तकनीक से स्ट्रैटोस्फेयर में भरी उड़ान:

भारतीय वायुमंडल के स्ट्रैटोस्फेयर स्तर पर अब भारत का स्वदेशी विमान पहुँच गया है। स्ट्रैटोस्फेरिक एयरशिप का सफल प्रायोगिक उड़ान संपन्न हुआ है, जिसने देश को सतह से 17 किलोमीटर की ऊँचाई पर पहुँचा दिया है। इस ऊँचाई से देश की सुरक्षा को और अधिक मजबूत करना, वैश्विक गतिविधियों पर नजर रखना और देश की ओर आने वाले खतरों पर कड़ी निगरानी रखना अब कहीं अधिक आसान हो जाएगा। यह डीआरडीओ के लिए एक असाधारण सफलता है।

मध्य प्रदेश के शिवपुरी स्थित परीक्षण स्थल से इस अत्यंत हल्के एयरशिप ने स्ट्रैटोस्फेयर की ओर उड़ान भरी और सफलतापूर्वक 17 किलोमीटर की ऊँचाई तक पहुँच गया। इस परीक्षण की सफलता के बाद, भारत उन गिने-चुने देशों में शामिल हो गया है जिन्होंने यह दुर्लभ गौरव प्राप्त किया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए डीआरडीओ को हार्दिक बधाई दी है। वहीं, डीआरडीओ ने जानकारी दी है कि हवा से भी हल्का यह यान लंबी अवधि तक स्ट्रैटोस्फेयर में रहकर कार्य करने में सक्षम है।

भारतीय तकनीक से निर्मित यह एयरशिप आवश्यक उपकरणों से लैस होकर अपने निर्धारित लक्ष्य तक सफलतापूर्वक पहुँचा। यह पहली बार है जब भारत ने इस प्रकार के किसी यान का परीक्षण किया और इसे पहली ही बार में सफलता मिली। यह न केवल देश के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की प्रतिभा का प्रमाण है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को भी मजबूती प्रदान करता है। यह उपलब्धि निश्चित रूप से देश की सुरक्षा और तकनीकी प्रगति के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखेगी।

और पढ़ें: भारत-जापान संबंधों को मजबूत करना | जापान के माननीय अध्यक्ष असम का दौरा करेंगे

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