Double the Perks: क्या आपका भी बैंक में जीरो बैलेंस अकाउंट है? अगर हाँ, तो आपके लिए एक शानदार खबर है! भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में जीरो बैलेंस खातों (जिसे बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट या BSBDA भी कहा जाता है) के लिए नए नियम (Zero Balance Account Rules) जारी किए हैं। इन बदलावों से आम ग्राहकों को अब पहले से कहीं अधिक लाभ मिलने वाला है।
RBI का यह कदम बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और समावेशिता बढ़ाने के लिए २०२৫ नीति अपडेट का हिस्सा है। इन परिवर्तनों का मुख्य उद्देश्य जीरो बैलेंस खातों तक पहुँच बढ़ाना और इसके लाभों का विस्तार करके ग्राहकों में विश्वास पैदा करना है।
क्या हैं RBI के नए नियम और फायदे?
RBI ने सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, खासकर उन ग्राहकों के लिए जिनके पास जीरो बैलेंस खाते हैं। इन नियमों से मिलने वाले मुख्य फायदे और बदलाव नीचे दिए गए हैं:
१. असीमित मासिक जमा और मुफ्त ATM/डेबिट कार्ड
मासिक जमा पर कोई सीमा नहीं: अब आप अपने खाते में असीमित बार पैसा जमा कर सकते हैं, जिस पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
मुफ्त ATM कार्ड: ग्राहकों को नवीनीकरण शुल्क के बिना मुफ्त ATM/डेबिट कार्ड का उपयोग करने की अनुमति मिलेगी।
২. मुफ्त चेकबुक और डिजिटल बैंकिंग सुविधाएँ
मुफ्त चेकबुक: खाताधारक को अब सालाना कम से कम २५ पन्नों की एक मुफ्त चेकबुक मिलेगी।
इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग: ग्राहकों को इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति भी मिलेगी।
৩. मुफ्त नकद निकासी की सीमा में वृद्धि
बैंकों को अब ग्राहकों को प्रति माह कम से कम चार बार मुफ्त नकद निकासी की अनुमति देनी होगी।
इन चार मुफ्त लेन-देनों में बैंक के अपने ATM के साथ-साथ अन्य बैंकों के ATM से किए गए लेन-देन भी शामिल होंगे।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि UPI, NEFT या किसी भी अन्य डिजिटल भुगतान लेन-देन को इस ‘निकासी’ की गिनती में शामिल नहीं किया जाएगा। इसका मतलब है कि डिजिटल लेन-देन के लिए ग्राहक से अलग से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
कब से लागू होंगे ये नियम?
विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, RBI के ये नए नियम १ अप्रैल २०২৬ से लागू होने की संभावना है। हालांकि, कुछ बैंक विचार-विमर्श के आधार पर इन्हें इस तारीख से पहले भी लागू कर सकते हैं।
यह परिवर्तन विशेष रूप से स्थानीय क्षेत्र के बैंकों, ग्रामीण सहकारी बैंकों, लघु वित्त बैंकों, सहकारी बैंकों और भुगतान बैंकों के साथ-साथ वाणिज्यिक बैंकों के जीरो बैलेंस खाताधारकों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित होगा।
RBI के इस कदम से स्पष्ट है कि वह देश की बैंकिंग व्यवस्था को और अधिक जन-केंद्रित और सुविधाजनक बनाना चाहता है, जिससे आम आदमी को वित्तीय सेवाओं का लाभ आसानी से मिल सके।
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