Ayodhya Hills Bans Smoking: पुरुलिया के प्रमुख पर्यटन स्थल, अयोध्या पहाड़, पर अब कड़े प्रतिबंध लागू होंगे। वन विभाग ने पहाड़ के पर्यावरण को बचाने के लिए धूम्रपान पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, प्लास्टिक के उपयोग पर भी रोक लगने जा रही है। यह पहल इसलिए की जा रही है क्योंकि पर्यटन बढ़ने के साथ-साथ पहाड़ का वातावरण तेजी से प्रदूषित हो रहा है।
सोमवार को पुरुलिया वन विभाग के डीएफओ (DFO) अंजन गुह की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बैठक में विभिन्न रेंज के अधिकारी और वनकर्मी भी मौजूद थे।
वन विभाग ने घोषणा की है कि दीपावली के बाद से ही अयोध्या पहाड़ के दो मुख्य प्रवेश द्वार – सिरकाबाद और माठा – पर नाका चेकिंग शुरू हो जाएगी।
प्रतिबंध और चेक-इन/चेक-आउट की व्यवस्था
प्लास्टिक पर रोक: पर्यटक प्लास्टिक कैरीबैग, एक बार उपयोग होने वाले पैकेट या प्लास्टिक की पानी की बोतलें लेकर पहाड़ पर नहीं जा पाएंगे।
जमा करने की सुविधा: ऐसी सभी वस्तुओं को चेकिंग पॉइंट पर जमा करना होगा और वापसी के समय उन्हें वापस लेने की व्यवस्था रहेगी।
धूम्रपान पर पूर्ण प्रतिबंध
पहाड़ पर धूम्रपान पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
पहाड़ के विभिन्न स्थानों पर ‘नो स्मोकिंग’ और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित चेतावनी बोर्ड (साइनबोर्ड) लगाए जाएंगे।
कारण और आगे की योजना
डीएफओ अंजन गुह ने स्पष्ट किया कि पर्यटकों की बढ़ती भीड़ के कारण प्लास्टिक का दबाव भी बढ़ रहा है। वन विभाग ने अयोध्या पहाड़ को प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र घोषित करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है और जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 31 दिसंबर 2024 को लगभग एक लाख पर्यटक अयोध्या पहाड़ पर आए थे। पर्यटन की सफलता से प्रशासन खुश है, लेकिन प्लास्टिक कचरा फेंकने की बढ़ती प्रवृत्ति ने चिंता बढ़ा दी है।
सख्त निगरानी और दंड
इस स्थिति में, पहाड़ के अस्तित्व और सुंदरता को बनाए रखने के लिए सख्त निगरानी का फैसला लिया गया है। चेकिंग और नियमों को लागू करने की जिम्मेदारी संयुक्त वन प्रबंधन समिति (Joint Forest Management Committee) के सदस्यों को सौंपी जाएगी।
यदि कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता है, चाहे वह धूम्रपान, प्लास्टिक का उपयोग या गंदगी फैलाना हो, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि पहाड़ के पर्यावरण को दूषित करने का कोई मौका नहीं दिया जाएगा।
यह पहल अयोध्या पहाड़ के प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरण को संरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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