Your Website Title

Positive বার্তা (हिंदी)

A teamwork initiative of Enthusiastic people using Social Media Platforms

Homeशिक्षा"CPR: एक ऐसा जीवनरक्षक ज्ञान, जो हर व्यक्ति को आना चाहिए"

“CPR: एक ऐसा जीवनरक्षक ज्ञान, जो हर व्यक्ति को आना चाहिए”

CPR: हार्ट अटैक—इस शब्द को सुनते ही लोगों के मन में डर बैठ जाता है। यह डर केवल बीमारी का नहीं, बल्कि उस असहायता का होता है जो उस समय महसूस होती है जब किसी अपने की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है। खासकर यदि यह घटना आधी रात को हो और नज़दीक कोई अस्पताल या डॉक्टर न हो, तब हालात और भी भयावह हो सकते हैं।

लेकिन ऐसे समय में घबराने के बजाय सही जानकारी और सतर्कता ही किसी की जान बचा सकती है। चिकित्सक मानते हैं कि यदि समय रहते सीपीआर (CPR – कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) दिया जाए, तो रोगी की जान बचाई जा सकती है।

📊 आंकड़े बताते हैं कड़वी सच्चाई

CDC (Centers for Disease Control and Prevention) की रिपोर्ट के अनुसार, जो मरीज अस्पताल के बाहर कार्डियक अरेस्ट का शिकार होते हैं, उनमें से 10 में से 9 की मृत्यु हो जाती है। लेकिन अगर समय पर CPR दिया जाए, तो मरीज के जीवित बचने की संभावना तीन गुना तक बढ़ सकती है।

इसलिए जरूरी है कि आम लोग भी CPR देना सीखें। इसे सीखना मुश्किल नहीं है और ना ही इसके लिए डॉक्टर होना ज़रूरी है।

🫀 हार्ट अटैक के लक्षण पहचानें

दिल्ली स्थित प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. दिलीप कुमार कहते हैं, “कई बार शरीर पहले से ही संकेत देने लगता है कि हार्ट अटैक आने वाला है। अगर हम इन संकेतों को पहचान लें, तो बहुत बड़ी दुर्घटना को टाला जा सकता है।”

प्रमुख लक्षण हैं:

  • अचानक सीने में दर्द या दबाव
  • पसीने-पसीने हो जाना, खासकर बिना वजह
  • दर्द का फैलना बाएं हाथ, कंधे या जबड़े तक
  • सांस लेने में कठिनाई
  • चक्कर आना या बेहोश हो जाना

ऐसे लक्षण दिखते ही घबराएं नहीं, तुरंत एक एस्पिरिन या सोर्बिट्रेट की गोली दें (यदि मरीज को एलर्जी न हो और पूर्व जानकारी हो)। उसके बाद पल्स चेक करें और ज़रूरत पड़ने पर CPR शुरू करें

💡 CPR देने की पूरी प्रक्रिया

अगर आपके पास CPR का औपचारिक प्रशिक्षण नहीं भी है, तब भी आप नीचे दिए गए निर्देशों का पालन करके किसी की जान बचा सकते हैं।

1️⃣ मरीज को समतल ज़मीन पर लिटाएं

सबसे पहले रोगी को पीठ के बल किसी कठोर और समतल सतह पर लिटा दें।

2️⃣ कैरोटिड पल्स की जांच करें

  • गले के बीच वाले हिस्से, यानी एडम्स एप्पल के पास उंगलियां रखें।
  • वहां से थोड़ा नीचे स्लाइड करें, जहां आपको कैरोटिड पल्स मिलती है।
  • अगर 10 सेकंड में कोई स्पंदन महसूस नहीं होता, CPR देना शुरू करें

3️⃣ छाती पर संकुचन (Chest Compression) करें

  • रोगी की छाती के मध्य भाग में हथेली रखें।
  • दाहिने हाथ की हथेली का निचला हिस्सा नीचे रखें और उस पर बायां हाथ रखें।
  • हाथ सीधे रखें, कोहनी नहीं मोड़ें।
  • अपने शरीर के वजन का उपयोग करते हुए 5 से 6 सेंटीमीटर गहराई तक छाती को दबाएं।

4️⃣ गति बनाए रखें

  • प्रति मिनट 100 से 120 बार छाती को पंप करें।
  • ये क्रिया कम से कम 2 से 5 मिनट तक करें।
  • अगर हृदय की धड़कन नहीं लौटती है, तो कुल 20 मिनट तक CPR देते रहें।

👶 बच्चों को CPR कैसे दें?

बच्चों और नवजात शिशुओं के लिए CPR की तकनीक थोड़ी अलग होती है:

  • 8 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बहुत ज्यादा दबाव न दें।
  • एक हाथ से छाती पर संकुचन करें।
  • 30 बार छाती दबाने के बाद अगर हृदय की गति न लौटे, तो मुंह से मुंह में सांस दें:
    • एक हाथ से बच्चे की नाक बंद करें
    • दूसरे हाथ से उसकी ठोड़ी ऊपर उठाएं
    • अपना मुंह बच्चे के मुंह पर लगाकर जोर से दो सांसें दें
    • ऐसा तब तक करें जब तक स्पंदन न लौट आए या मदद न पहुंच जाए।

इस विधि से बच्चे के फेफड़ों में ऑक्सीजन पहुंचाई जा सकती है और मस्तिष्क को क्षति से बचाया जा सकता है।

🚨 क्यों जरूरी है CPR का जन जागरण?

अभी भी भारत में बहुत कम लोगों को CPR के बारे में जानकारी है। बहुत से लोग डरते हैं कि अगर कुछ गलत हो गया तो उसकी ज़िम्मेदारी उनकी होगी। लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं, “गलत तरीके से CPR देने से बेहतर है कुछ न करना? नहीं! गलत तरीके से भी CPR देने से कुछ हद तक लाभ हो सकता है, लेकिन कुछ न करने से नुकसान तय है।”

🧍‍♂️ एक साहसी उदाहरण: जब जान बची स्कूल में सीखी तकनीक से

पिछले महीने उत्तर प्रदेश के एक कस्बे में 17 वर्षीय छात्र ने अपने 65 वर्षीय दादा की जान बचा ली। आधी रात को हार्ट अटैक आने पर दादा बेहोश हो गए। लड़के ने स्कूल में सीखी CPR तकनीक का इस्तेमाल कर लगातार 7 मिनट तक छाती संकुचन किया। जब तक एम्बुलेंस पहुंची, दादा की धड़कन लौट चुकी थी।

📢 CPR को राष्ट्रीय शिक्षा अभियान में शामिल किया जाए

सरकार और नागरिक समाज को मिलकर CPR को जन-जन तक पहुंचाने की ज़रूरत है:

  • स्कूलों और कॉलेजों में अनिवार्य CPR प्रशिक्षण
  • ऑफिस और फैक्ट्री में CPR वर्कशॉप
  • हर मोहल्ले और सोसाइटी में CPR अवेयरनेस कैंप
  • ऑनलाइन मुफ्त वीडियो और प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम

🧘 निष्कर्ष: CPR सीखिए, सिखाइए और किसी की जिंदगी का हिस्सा बनिए

दिल का दौरा कभी भी, कहीं भी किसी को भी हो सकता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि हम डॉक्टर का इंतज़ार करने के बजाय पहला कदम खुद उठाएं

एक सामान्य व्यक्ति, बिना किसी मेडिकल डिग्री के, केवल CPR की जानकारी से किसी को जिंदगी का दूसरा मौका दे सकता है।

याद रखें:

“जिस दिल की धड़कन बंद हो चुकी है, वो आपकी एक कोशिश से दोबारा चल सकती है।”

और पढ़ें: सिक्किम” नाम का इतिहास: कभी जिसका मतलब था ‘नया महल’!

RELATED ARTICLES

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments