A Tapestry of Peace and Reflection: अगरतला स्थित शांत और सुरम्य बेनुबन बिहार आज श्रद्धा और उल्लास के अद्भुत संगम का साक्षी बना। बौद्ध धर्मावलंबियों और शांतिप्रिय नागरिकों ने मिलकर भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण के पवित्र अवसर बुद्ध पूर्णिमा को अत्यंत भक्तिभाव और सकारात्मक ऊर्जा के साथ मनाया। “पॉजिटिव बर्ता” की इस विशेष रिपोर्ट में बेनुबन बिहार में आयोजित इस पावन पर्व की झलकियाँ प्रस्तुत हैं।
सुबह से ही बिहार परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। श्वेत वस्त्र धारण किए उपासक-उपासिकाएं पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए प्रार्थना और ध्यान में लीन दिखे। वातावरण मंत्रोच्चारण और धार्मिक भजनों से गुंजायमान था, जो एक अलौकिक शांति और पवित्रता का अनुभव करा रहा था।
सकारात्मकता का विशेष पर्व:
इस वर्ष के आयोजन में कई विशेष आकर्षण थे। मुख्य प्रार्थना सभा में वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं ने भगवान बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने अहिंसा, करुणा और सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश दिया, जो आज के अशांत विश्व में भी उतना ही प्रासंगिक है। भिक्षुओं ने पाली भाषा में सूत्र पाठ किया, जिसे सुनकर उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।
एक अन्य महत्वपूर्ण गतिविधि थी भगवान बुद्ध की प्रतिमा का अभिषेक। सुगंधित जल और फूलों से सजी पालकी में बुद्ध की मूर्ति को पूरे बिहार परिसर में घुमाया गया, जिसके दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं। इस रस्म को शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
बच्चों और युवाओं ने भी इस उत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने बुद्ध के जीवन से जुड़ी झांकियां प्रस्तुत कीं और प्रेरक नाटकों का मंचन किया। यह देखकर अत्यंत सुखद अनुभव हुआ कि नई पीढ़ी भी भगवान बुद्ध की शिक्षाओं और मूल्यों से गहराई से जुड़ी हुई है।
इस अवसर पर, बेनुबन बिहार समिति द्वारा एक विशेष भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सभी आगंतुकों के लिए प्रसाद और भोजन की व्यवस्था थी। स्वयंसेवकों ने बड़ी निष्ठा और समर्पण के साथ सेवा कार्य किया, जो भारतीय संस्कृति की अतिथि देवो भवः की भावना को दर्शाता है।
“पॉजिटिव बर्ता” ने इस आयोजन में कई श्रद्धालुओं से बातचीत की। सभी ने इस पवित्र दिन को शांति, सद्भाव और सकारात्मकता का प्रतीक बताया। एक श्रद्धालु ने कहा, “बुद्ध पूर्णिमा हमें अपने भीतर की नकारात्मकता को दूर करने और प्रेम और करुणा को अपनाने की प्रेरणा देता है।”
बेनुबन बिहार में बुद्ध पूर्णिमा का यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सद्भाव का भी प्रतीक है। विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोगों ने एक साथ आकर इस उत्सव में भाग लिया और शांति एवं भाईचारे का संदेश दिया।
कुल मिलाकर, अगरतला के बेनुबन बिहार में बुद्ध पूर्णिमा का उत्सव एक सकारात्मक और प्रेरणादायक अनुभव रहा। यह पर्व हमें भगवान बुद्ध की शाश्वत शिक्षाओं को याद दिलाता है और जीवन में शांति, करुणा और सद्भाव के महत्व को दर्शाता है। “पॉजिटिव बर्ता” ऐसे आयोजनों की सराहना करता है जो समाज में सकारात्मकता और एकता को बढ़ावा देते हैं।
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